Sunday 30 January 2011

सेवा का महत्व

सेवा के बदले में मरने के बाद भी कीर्ति न चाहो। तुम्हें लोग भूल जायँ इसीमें अपना कल्याण समझो। काम अच्छा तुम करो, कीर्ति दूसरेको लेने दो। बुरा काम भूलकर भी न करो, परन्तु तुमपर उसका आरोप लगाकर दूसरा उससे मुक्त होता हो तो उसे सिर चढ़ा लो। तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। तुम्हारा वह सुखदायी मनचाहा अपमान तुम्हारे किये मुक्तिका दरवाजा खोल देगा। 
(कल्याण-कुञ्ज-भाग-1-पेज-103)
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Ram