(प्रभु को आत्मसमपण पेज-११ गीतावाटिका प्रकाशन)
साध्कोंके लिये एक बहुत उत्तम उपाय है पमेश्वर के सामने आर्त होकर दीनभाव से हदय
खोलकर रोना,यह साधन एकान्त में करने का है।सबके सामने करने से लोगों में
उद्वेग होने और साधना के दम्भ रुप में परिणत हो जाने कि सम्भवना है।
(प्रभु को आत्मसमपण पेज-११ गीतावाटिका प्रकाशन)
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