Wednesday 11 January 2012

सच्चे भक्त




माघ कृष्ण द्वितीया, वि.सं.-२०६८, बुधवार

सच्चे भक्तोंका एकमात्र बल भगवान् का भरोसा ही है! वे पूर्ण निर्भरताके साथ भगवान् के होकर अपना जीवन केवल भगवान् के चिंतनमें ही लगाया करते हैं ! 

जितना भरोसा बढ़ेगा, उतनी ही भगवत्कृपाकी झाँकी प्रत्येक्ष दिखेगी ! 

यह याद रखो कि भगवान् के समान सुहद, दयालु, प्रेमी, सुन्दर, ऐश्वर्यवान् और कोई भी नहीं है एवं वह तुम्हारा नित्य साथी है! तुम्हें हृदयसे लगानेके लिए सदा ही हाथ फैलाये तैयार है! 

संसारमें जो कुछ देखते हो सो सब उसीका है, उसीका नहीं, वही सब कुछ बना हुआ है! यह जो कुछ हो रहा है सो सब उसीकी लीला है! वह आप ही अपनेमें खेल कर रहा है ! 

सर्वभावसे उसकी शरण हुए बिना यह रहस्य समझमें नहीं आवेगा ! सब प्रकारके अभिमानको छोड़कर उसकी शरण हो जाओ, उसकी कृपापर दृढ़ भरोसा रखो, सारी चिंताओंको छोड़कर सब कुछ उसके चरणोंपर चढ़ा दो ! 

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Ram