वासुदेवजी ने देखा, उनके सामने एक अद्भुत बालक है ! उसके नेत्र कमल के समान कोमल और विशाल है ! चार सुन्दर हाथों में शंख,गदा, चक्र और कमल लिए हुए हैं ! वक्ष:स्थल पर श्री वत्सका चिन्ह - अत्यंत सुन्दर स्वर्णमयी रेखा है ! गले में कौस्तुभमणि झिलमिला रही है !
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