आज की शुभ
तिथि – पंचांग
पौष कृष्ण ४,
मंगलवार, वि० स० २०६९
* ईश्वर के प्रभाव और महत्व से पूर्ण शास्त्रोंका अध्ययन |
* ईश्वर के नाम का जप और गुणों का श्रवण-कीर्तन |
* ईश्वर का ध्यान |
* विश्वरूप भगवान् की निष्काम भाव से सेवा |
* ईश्वर-प्रार्थना |
* ईश्वर के अनुकूल आचरण यानी सत्य, अहिंसा, दया, प्रेम,
अस्तेय, ब्रह्मचर्य, विनय, तप, स्वाध्याय, आस्तिकता और श्रद्धा आदि को बढ़ाना |
* लोक-परलोक के समस्त भोगो में वैराग्य |
* सद्गुरु में परम श्रद्धा और गुरु-सेवा |
* ईश्वर में अखण्ड विश्वास |
* घर-बाहर सर्वत्र ईश्वर-चर्चा |
* अभिमान, दम्भ और कठोरता का सर्वथा त्याग |
* काम, क्रोध, लोभ से बचना |
* नास्तिक-संग का
सर्वथा त्याग |
* परधर्म-सहिष्णुता |
* सबमें ईश्वर बुद्धि रखते हुए ही वर्ताव करने की चेष्टा |
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