Thursday 7 February 2013

भगवान का स्मरण कैसे करें ? -1-


|| श्री हरी ||
आज की शुभ तिथि – पंचांग
माघ  कृष्ण,द्वादशी,गुरूवार, वि० स० २०६९
 

१. ऐसे करो, जैसे अफीमची अफीम के न मिलने पर अफीम का स्मरण करता है |

२. ऐसे करो, जैसे मुकदमेबाज मुकद्दमे का स्मरण करता है |

३. ऐसे करो, जैसे जुआरी जुए का स्मरण करता है |

४. ऐसे करो, जैसे लोभी धन का स्मरण करता है |

५. ऐसे करो, जैसे कमी कामिनी का स्मरण करता है |

६. ऐसे करो, जैसे जैसे शिकारी शिकार का स्मरण करता है |

७. ऐसे करो, जैसे निशानेबाज निशाने का स्मरण करता है |

८. ऐसे करो, जैसे किसान पके खेत का करता है |

९. ऐसे करो, जैसे प्यास से व्याकुल मनुष्य जल का स्मरण करता है |

१०. ऐसे करो, जैसे भूख से सताया हुआ मनुष्य भोजन का स्मरण करता है |

११. ऐसे करो, जैसे घर भुला हुआ मनुष्य घर का स्मरण करता है |

१२. ऐसे करो, जैसे थका हुआ मनुष्य विश्रामका स्मरण करता है |

१३. ऐसे करो, जैसे भय से कातर मनुष्य शरण देने वाले का स्मरण करता है |

१४. ऐसे करो, जैसे डूबता हुआ मनुष्य जीवन रक्षा का स्मरण करता है |

१५. ऐसे करो, जैसे दम घुटने पर मनुष्य वायु का स्मरण करता है |

१६. ऐसे करो, जैसे परीक्षार्थी परीक्षा के विषय का स्मरण करता है |

१७. ऐसे करो, जैसे ताजे पुत्रवियोग से पीड़ित माता पुत्र का स्मरण करती है |

१८. ऐसे करो, जैसे नवीन विधवा अबला अपने मृत पति का स्मरण करती है |

शेषअगले ब्लॉग में...

नारायण नारायण नारायण.. नारायण नारायण नारायण... नारायण नारायण नारायण....

 
नित्यलीलालीन श्रधेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार, भगवत्चर्चा, पुस्तक कोड  ८२० गीताप्रेस, गोरखपुर 
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Ram