Friday, 8 February 2013

भगवान का स्मरण कैसे करें ? -2-



|| श्री हरि: ||
आज की शुभ तिथि – पंचांग
माघ  कृष्ण,त्रयोदशी,शुक्रवार, वि० स० २०६९

 

१९.ऐसे करो,जैसे घर में रहने वाली कुलटा स्त्री अपने जार का  स्मरण करती है |

२०. ऐसे करो, जैसे मातृपरायण शिशु माता का  स्मरण करता है |

२१. ऐसे करो, जैसे प्रेमी अपने प्रेमास्पद का  स्मरण करता है |

२२. ऐसे करो, जैसे पतिव्रता स्त्री अपने पति का स्मरण करती है |

२३. ऐसे करो, जैसे अन्धकार से अकुलाये हुए प्राणी प्रकाश का  स्मरण करते है |

२४. ऐसे करो, जैसे सर्दी से कापते हुए मनुष्य अग्नि का स्मरण करते  है |

२५. ऐसे करो, जैसे चकवा-चकवी सूर्य का  स्मरण करते है |

२६. ऐसे करो, जैसे चातक मेघ का स्मरण करता है |

२७. ऐसे करो, जैसे जल से बिछुड़ी हुई मछली जल का स्मरण करती है |

२८. ऐसे करो, जैसे चकोर चन्द्रमा स्मरण करता है |

२९. ऐसे करो, जैसे फलकामी पुरुष फल का  स्मरण करता है |

३०. ऐसे करो, जैसे मुमुक्षु पुरुष आत्मा का  स्मरण करता है |

३१. ऐसे करो, जैसे शुद्ध हृदय मुमुक्षु पुरुष भगवान का स्मरण करता है |

३२. ऐसे करो, जैसे योगी पुरुष चेतन ज्योति का स्मरण करते है |

३३. ऐसे करो, जैसे ब्रह्म निष्ठ ब्रह्म का स्मरण करता है |
 
नारायण नारायण नारायण.. नारायण नारायण नारायण... नारायण नारायण नारायण....

नित्यलीलालीन श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार, भगवच्चर्चा, पुस्तक कोड  ८२० गीताप्रेस, गोरखपुर
If You Enjoyed This Post Please Take 5 Seconds To Share It.

0 comments :

Ram