Saturday, 18 May 2013

धारण करने योग्य ५१ बाते -1-


      || श्रीहरिः ||

आज की शुभतिथि-पंचांग

वैशाख शुक्ल, सप्तमी, शुक्रवार, वि० स० २०७०


१.रोज प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठो | उठते ही भगवान को प्रणाम करो, फिर हाथ-मुहँ धोकर उषापान करो | ठन्डे जल से आँख धोओं |

२.पेशाब-पखाने की हाजतको कभीन रोको |पेट में मल जमा न होने दो |

३.रोज दतुअन करो;भोजन करके हाथ, मुहँ, दाँत अवशय धोओ |

४.प्रतिदिन प्रात:काल स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दो |

५.दोनो समय (प्रात: और संध्या) नियमपूर्वक श्रद्धा के साथ भगवतप्रार्थना या संध्या करो |

६.हो सके तो प्रात:काल शुद्ध वायु का सेवन जरुर करों |

७.भूख से अधिक न खाओ, जीभ के स्वाद के वश में न होओ; पवित्रता से बना हुआ-पवित्र कमाई का अन्न खाओ, किसी का भी जूठा न खाओ, न किसी को अपना जूठ खिलाओं, मॉस-मद्य का सेवन कभी न करो |

८.भोजन के समय जल न पियों, या बहुत थोडा पिओ |

९.पान, तम्बाकू, सिगरेट, बीडी, चाय, काफी, भांग, अफीम, गाँजा, चरस, ताश, चौपड़, शतरंज आदि का व्यसन न डालो; दवा अधिक सेवन न करो | पथ्य, परहेज, संयम, युक्ताहार-विहार का अधिक ध्यान रखों |

१०.दिन में न सोओ, रात में अधिक न जागों, छ: घन्टे से अधिक न सोओ | ......शेष अगले ब्लॉग में.          

श्रद्धेय हनुमानप्रसाद पोद्धार भाईजी, भगवतचर्चा पुस्तक से, गीताप्रेस गोरखपुर, उत्तरप्रदेश , भारत  

नारायण ! नारायण !! नारायण !!! नारायण !!! नारायण !!!     
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Ram