|| श्रीहरिः ||
आज की शुभतिथि-पंचांग
वैशाख शुक्ल, नवमी, रविवार, वि० स० २०७०
११. नियमितरुप से धर्मग्रन्थों का कुछ स्वाध्याय अवश्य करों
|
१२. रोज नियमित कम-से-कम २५,००० भगवान के नामों का जप अवश्य
करों |
१३. संतों के चरित्र और उनकी दिव्य वाणी का अध्ययन करों |
१४. जूआ कभी न खेलों, बाजी न लगाओं, होड़ न बदो |
१५. सिनेमा, स्त्रियों का नाच आदि न देखों |
१६.कपडे सादे पहनों और साफ़ रखों,मैल न होने दो; परन्तु
फैशन का ख्याल बिलकुल न रखों | कपडे बिगाड़ कर भी न पहनों,बहुत कीमती कपडे न पहनों|
१७. हजामत और नख न बढ़ने दो, परन्तु शौक से दिन में दो बार
बनाओ भी नहीं |
१८. अपने शरीर को सुन्दर दिखलाने का प्रयत्न न करों |
१९. किसी भी हालत में यथासाध्य उधार न लों, उधार लेकर खर्च
करने से आदत बिगड़ जाती है; जब तक उधार मिलता है, खर्च बढ़ता ही जाता है; पीछे बड़ी
कठिनाई और बेइज्जती होती है | ......शेष
अगले ब्लॉग में.
—श्रद्धेय हनुमानप्रसाद पोद्धार भाईजी, भगवतचर्चा पुस्तक
से, गीताप्रेस गोरखपुर, उत्तरप्रदेश , भारत
नारायण ! नारायण !! नारायण !!!
नारायण !!! नारायण !!!
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