Thursday, 2 January 2014

भगवान का स्मरण कैसे करें ? -1-


।। श्रीहरिः ।।

आज की शुभतिथि-पंचांग

पौष शुक्ल, प्रतिपदा, गुरूवार, वि० स० २०७०

 

भगवान का स्मरण कैसे करें ?    -1-

१. ऐसे करो, जैसे अफीमची अफीम के न मिलने पर अफीम का स्मरण करता है

२. ऐसे करो, जैसे मुकदमेबाज मुकद्दमे का स्मरण करता है ।

३. ऐसे करो, जैसे जुआरी जुए का स्मरण करता है ।

४. ऐसे करो, जैसे लोभी धन का स्मरण करता है ।

५. ऐसे करो, जैसे कमी कामिनी का स्मरण करता है ।

६. ऐसे करो, जैसे जैसे शिकारी शिकार का स्मरण करता है ।

७. ऐसे करो, जैसे निशानेबाज निशाने का स्मरण करता है ।

८. ऐसे करो, जैसे किसान पके खेत का करता है ।

९. ऐसे करो, जैसे प्यास से व्याकुल मनुष्य जल का स्मरण करता है ।

१०. ऐसे करो, जैसे भूख से सताया हुआ मनुष्य भोजन का स्मरण करता है ।

११. ऐसे करो, जैसे घर भुला हुआ मनुष्य घर का स्मरण करता है ।

१२. ऐसे करो, जैसे थका हुआ मनुष्य विश्रामका स्मरण करता है ।

१३. ऐसे करो, जैसे भय से कातर मनुष्य शरण देने वाले का स्मरण करता है ।

१४. ऐसे करो,जैसे डूबता हुआ मनुष्य जीवन रक्षा का स्मरण करता है ।

१५. ऐसे करो, जैसे दम घुटने पर मनुष्य वायु का स्मरण करता है ।

१६. ऐसे करो, जैसे परीक्षार्थी परीक्षा के विषय का स्मरण करता है ।

१७. ऐसे करो, जैसे ताजे पुत्रवियोग से पीड़ित माता पुत्र का स्मरण करती है ।

१८. ऐसे करो, जैसे नवीन विधवा अबला अपने मृत पति का स्मरण करती है ।..शेष अगले ब्लॉग में...

- श्रधेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार, भगवत्चर्चा, पुस्तक कोड  ८२० गीताप्रेस, गोरखपुर

नारायण ! नारायण !! नारायण !!! नारायण !!! नारायण !!!
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Ram